विश्व पर्यावरण दिवस पर एक खास रिपोर्ट फ्रेंड्स इस दिवस के नाम सेही पता चल जा रहा है की पर्यावरण सरंक्षण दिवस तो इसका सीधा सा मतलब समझ में आ रहा है की पर्यावरण की सरुक्षा को बनाये रखने के लिए ही मनाया जाता है। आप सब जानते ही है की हर साल हमारे देश में न जाने कितने लोगो की जान भी जा रही है।
ऑक्सीज़न के कमी के कारण और ये जो बीमारी है वो इसलिए हो रही है क्यों की आये दिन बहुत से फैक्ट्री और कल-कारख़ाना के कारण बहुत ही तेजी से प्रदषूण बढ़ रही है। और पेड़ पौधों को काटा जा रहा है।

जो की आने वाले फ्यचूर के लिए एक बहुत हे बड़ी समस्या के रुप में सामने उभरेगी। विश्व पर्यावरण दिवस यही दिन नहीं देखना परे इसलिए प्रति वर्ष 5 जनू को world Environment day के रूप में मनाया जाता है।
और आगे भी मनाया जाता रहेगा एक रिपोर्ट के माने तो तक़रीबन 1.2 million से भी जयादा लोगो के जान भी
जा चुकी है। इस air pollution के कारण यदि हम WHO के एक रीपोर्ट को माने तो 20 में से top most pollution cities 15 cities अपने देश भारत की ही है।
ये तो बात हुई बस air pollution की इसी तरह से बात
करते है water pollution ,deforestation,soil pollution,climate change बात बस इतनी सी ही है की हमें अपने पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखना है। एक बार सोच के देखिये यदि हमारा वातावरण नहीं रहे
तो क्या हम सभी जीवित रह पाएंगे क्या ?
इस दिवस को मनाने का केवल बस यही मकसद भी है इसे Environment के protection और Awareness के लिए Celebrate किया जाता है।
इस दिन को हर साल 1972 के बाद 5 जनू को पूरे विश्व में मनाया जाता है इसकी शरुुआत संस्कृत राष्ट्र सधं ने इस दिवस को मानाने के नीव रखी थी इंसान और पर्या वरण के बीच बहुत ही गहरा सबंध है। लेकिन लोग अपने निजी इच्छा के लिए पर्यावरण को हानि पहुँचा रहे है। पेड़ पौधों को काट रहे है। 1972 से पर्वावरण दिवस के शरुआत हुई।
हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया lockdown है इसलिए इस साल इस दिन को थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाता है। Lockdown के कारण ऐसे भी pollution बहुत काम है इसलिए इस बार का जो पर्यावरण दिवस है वो हर साल से कुछ अलग होने वाला है|