यह बात एक ऐसे हरियाणवे छोरे की है जिसने अपने भाला की मदद से पूरे देश का नाम रोशन कर रहा है। नीरज चोपड़ा की है जो कि हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे के खंडरा गाँव के रहने वाले है।

नीरज चोपड़ा बचपन में बहुत ही मोटे थे। उनके परिवार और गाँव वाले कहते थे कि तुम रोज दौड़ लगाया करो। इससे तुम्हारा शरीर पूरा स्वास्थ रहेगा।
फिर उन्होंने दौड़ लगाना शुरू कर दिया। एक दिन वह मैदान में दौड़ लगा रहे थे। तभी उन्होंने एक भाला दिखा। उन्होंने भाला को उठाकर फेंका। उनके फेंकने के तरीके से मैदान में मौजूद सभी खिलाड़ी दंग रह गए।
उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे कोई 1 लाख- डेढ़ लाख का भाला ले सकते थे। नीरज के पिता और चाचा ने कुछ पैसे मिलकर उन्हे 7 हजार रुपये का भाला खरीदकर दिया। इसी तरह से नीरज चोपड़ा के करिअर की शुरुआत हुई।
नीरज ने चोट को हराया
नीर को एक बार कंधे पर एक बार चोट लग गई थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। और फिर से मैदान में भाले के साथ वापसी की।
पहले उन्हे पैसे की बहुत तंगी रहती थी। उनके पास कोच रखने तक के पैसे नहीं थे। उन्होंने पहले यूट्यूब को ही अपना कोच माना था।