
जैसे ही बरसात का मौसम आता है। आदमी के साथ-साथ हमारे पशुयों भी बीमारी फैलला शुरू कर देती है। अगर हम शुरुआत में ही पशुयों के इन बीमारी पर ध्यान नहीं देते है तो आगे चलकर यह बीमारी बड़ी रूप धारण कर लेती है।
बरसात के समय पशुयों को ज़्यादतर बीमारी टैबेनस वंस के मक्खियाँ के काटने की वजह से होता है। इन मक्खियों के काटने की वजह पशुयों के मुह, खुर, गलघोंटू, इत्यादि जैसे रोग होते है। उस रोग को हम सर्रा रोग के नाम से जानते है। यह रोग घर के जानवर के साथ जंगल में रहने वाले पशुयों में भी होता है।
रोग के क्या-क्या लक्षण होता है
– सर्रा रोग होने से पशु धीरे-धीरे कमजोर होने लगते है। वे चारा को खाते है फिर भी दुबले-पतले होते जाते है।
– पशुयों को चक्कर आने लगता है इसलिए वह अपने सिर को दीवार या किसी ठोस जगह पर लड़ाते है।
– पशुयों का समय से पहले ही गर्भपात हो सकता है।
इलाज के उपाय
– अगर आपके पधु में ऊपर बताए गए कोई लक्षण मिलता जुलता है तो आप तुरंत किसी पशु के डॉक्टर से संपर्क करिए।
– अपने पशु को रक्त बढ़ाने के लिए और लीवर मजबूत बनाने के लिए टॉनिक पिलाएँ।
– 25 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 250 लीटर पानी में मिलकर एक हपते में एक बार पिलाएँ।