
देश में बीते कुछ सालों से निजीकरण का दौरा चल पड़ा है। वहीं कई सेक्टर में तेजी से निजीकरण हो रहा है। इसके खिलाफ कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं अब खबर आ रही है कि एक और बैंक जल्द ही एक और सरकारी बैंक का निजीकरण होने वाला है। जिसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। वहीं सरकारी कर्मचारी इसके विरोध में लगातार हड़ताल भी कर रहे हैं .
बावजूद इसके सरकार ने अपना पक्ष साफ कर दिया है। सरकार आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया सितंबर में शुरू करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग फिलहाल अमेरिका में आईडीबीआई बैंक की बिक्री के लिए रोड शो किया। इधर सरकार आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता तो दोनों के पास आईडीबीआई बैंक की 94 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन इनमें कितनी हिस्सेदारी बेची जाए इसे लेकर अभी फैसला नहीं लिया गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि अगले महीने यानी सितंबर में सब कुछ फाइनल हो जाएगा। वहीं सरकार से फैसले से पहले ही खाताधारकों को सावधान रहने की जरूरत है। अब बात करते हैं सरकार के हिस्सेदारी की तो आईबीडीआई में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 49ण्24 फीसदी है। बताया जा रहा है कि सरकार और एलआईसी आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी बेचेगी और फिर खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। आरबीआई 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे सकता है।
अब सवाल यह है कि कौन से दो बैंक हो सकते हैं जिन्हें पहले निजी बनाया जाएगा। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को निजीकरण के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था। यानी इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दो ऐसे बैंक हैं जिनका पहले निजीकरण किया जा सकता है।