
स्माल सेविंग्स स्कीम देश में निवेश करने के एक बेहद पॉपुलर विकल्प हैं. यहां निवेश करने पर किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं रहता है. पोस्ट ऑफिस की ऐसी ही एक स्कीम है नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate – NSC) स्कीम. इस स्कीमों में न केवल निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलता है बल्कि टैक्स छूट का भी प्रावधान है.
इसमें निश्चित मुनाफा और कम जोखिम है
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट एक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट है जिसे किसी भी पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है. ये भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें निश्चित मुनाफा और कम जोखिम है. यही वजह है कि निवेश में जोखिम न चाहने वाले निवेशक इसे खूब पसंद करते हैं. ज्यादातर लोग स्माल सेविंग्स में बैंक एफडी को चुनते हैं. हालांकि एक स्माल स्कीम, बैंक एफडी से भी ज्यादा जल्दी आपके पैसे को डबल कर सकती है. इस स्कीम को देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच में लिया जा सकता है.
5 साल का होता है मैच्योरिटी पीरियड
इस स्कीम में आप कम से कम 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं. आप अपनी क्षमता के मुताबिक कितनी भी धनराशि का एनएससी खरीद सकते हैं. एनएससी का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का होता है. इस पर अभी 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है, जो कि एफडी से ज्यादा है. यानी इसमें अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. एक सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट कोई भी एडल्ट अपने नाम से या अपने बच्चे के नाम से खरीद सकता है. एनएससी में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं.
3 तरह के हैं सर्टिफिकेट
आपको बता दें कि एनएससी रखने के मुख्यतः तीन तरीके हैं. पहला. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट है. इसके अंतर्गत व्यक्ति स्वंय के लिए या किसी नाबालिग की तरफ से एक अभिवावक के तौर राष्ट्रीय बचत पत्र खरीद सकता है. दूसरा, जॉइंट ‘ए’ टाइप सर्टिफिकेट है. इसमें दो निवेशक मिलकर राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदते हैं और मैच्योरिटी राशि दोनों को बराबर हिस्सो में दी जाती है. तीसरा है जॉइंट ‘बी’ टाइप सर्टिफिकेट. इसे भी दो लोगों द्वारा मिलकर खरीदा जाता है, लेकिन इसमें मैच्योरिटी राशि सिर्फ एक को दिया जाता है.
कोई भी भारतीय निवासी एनएससी में निवेश कर सकता है. वयस्क, व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से (3 वयस्कों तक), 10 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिग या नाबालिग की ओर से अभिभावक एनएससी में इन्वेस्ट कर सकते हैं. कोई भी अनिवासी भारतीय नया एनएससी नहीं खरीद सकता हैं. हालाँकि, अगर उनके पास एनआरआई बनने से पहले की एनएससी है, तो वे उसे मैच्योरिटी तक रख सकते हैं.