सेंटिनल द्वीप
पिछले कई सालो से प्रतियोगिताओ में भारत के एक द्वीप की बारे में ज्यादातर पूछा जाने लगा है यह द्वीप भारत शासन के अंदर ही आता है सरकार यहाँ पर जनगणना करवाती है। करीब 60 साल से द्वीप पर लोग रह रहे है एक बात और अगर आप उस द्वीप पर जाना चाहते है, तो नहीं जा सकते है। कई सालो पहले अमेरिका का एक व्यक्ति गया था ,लकिन वह लौटकर कभी नहीं आया। उसके बाद द्वीप पर कोई व्यक्ति नहीं गया है।
भारत में अंडमान एंड निकोबार का है हिस्सा
नार्थ सेंटिनल द्वीप की बात कर रहे है यह बंगाल की खाड़ी में ही स्थित अंडमान निकोबार द्वीप समूह का ही एक छोटा सा हिस्सा है यह द्वीप दक्षिण अंडमान जिले के अंदर ही आता है लेकिन यहाँ जाने की किसी को भी इज्जाजत नहीं दी जाती है यहा पाए जाने वाले जनजाति की एक बड़ी वजह है, कि अब उनका इस दुनिया में कोई संपर्क नहीं।

इस द्वीप पर रहती है सेंटिनली जनजाति
यहां रहने वाली सेंटिनली जनजाति ने आज तक किसी भी भारी हमले को नहीं झेला है यहा पर छोटे छोटे कद के लोग होते है इनकी भाषा भी बहुत ही अलग होती है और इनकी बनावट समानताओं आधार पर जारवा समुदाय का होता है। कोबर्न के मुताबिक यह बताया गया है की इस जनजाति की उपस्थिति 2000 साल पहले की है।
इस पर भी कड़ा से कड़ा दवा किया गया है की मनुष्य इस द्वीप पर 60 हजार साल पहले से रहते है। यहाँ पर फोटो खींचना भी मना है। 1991 के बाद इनसे संपर्क नहीं हो सका भारत सरकार के मुताबिक यहाँ 40- 400 लोग हो सकते है।