इस ब्रह्मांड में अभी अभी काफी सारे ऐसे रहस्य छुपे हुए है जिनके बारें में अभी इंसान अनजान है। अभी भी धरती पर ही कुछ ऐसी जगहें है जिनके असलियत को कोई भी विज्ञानिक नहीं पता कर पाया है।
ऐसे में हर कोई नई चीजें सीखने और खोजने में काफी interested होता है। अभी भी कई देश की बड़ी-बड़ी रिसर्च सेंटर अंतरिक्ष की स्टडी कर रहे है। ठीक इसी प्रकार NASA अपने स्पेस स्टडी में एक उल्कापिंड पर रिसर्च कर रही थी।

जिसमे NASA ने बताया था कि उसने एक ऐसे उल्कापिंड की खोज की है। जिसके शतह पर सोना ही सोना है। मतलब की उस उल्कापिंड पर इतना सोना है कि अगर उसे धरती पर लाकर सब लोगों में बाँट दिया जाए। तो धरती पर रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति करोड़पति हो जाएगा।
हालांकि कि अभी करीब एक साल के रिसर्च और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद पता चला कि NASA जिस उल्कापिंड के बारें में रिसर्च कर रही थी असल में उस पिंड पर किसी भी प्रकार का कोई सोना नहीं है और नहीं उसपर कोई सोने की खान है। उस उल्कापिंड पर बाकी उल्कापिंड की तरह ही मलवा उपलब्ध है।
अगर सोना मिल गया तो सभी लोग करोड़पति हो जाएंगे
उस उल्कापिंड का नाम 16-साइकी (16 Psyche) है। साइकी-16 का व्यास लगभग 225 किलोमिटर है। NASA ने अपने स्पेस रिसर्च में एक स्टडी के बाद यह दावा किया कि साइकी-16 पर सोने की खान है। फिर बाद में पता चला कि उस उल्कापिंड पर बाकी उलकपिण्ड की तरह केवल मलवा और मेटल्स उपलब्ध है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि 16-साइकी पर उपलब्ध कूल लोहे की कीमत 8000 क्वाड्रिल्यन पाउंड्स से भी अधिक है।
लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली
प्लानेटरी साइंस जर्नल के रिसर्च के बाद जो सच्चाई निकली की सबके होश ही उड़ गए। प्लानेटरी साइंस जर्नल के पब्लिक रिसर्च में पाया गया कि 16-साइकी उल्कापिंड पर 82 % मेटल्स, 7 % लोहा और 11% कार्बनेसस कॉन्ड्राइट पाए जाने का अनुमान लगाया है।
NASA इस पर अगस्त 2022 में अपना मिसन भेजने वाला है। जो चार साल बाद यानि 2026 में दोबारा लौटकर आएगा।