किसानों ने मनाया 26 मई को काला दिवस–दीनदयाल

जुलाना में सीटू कार्यकर्ताओं व किसानों ने मनाया 26 मई को काला दिवस-दीनदयाल

जीन्द : जुलाना मे 26 मई को किसानों व मजदूरों ने मिलकर मनाया काला दिवस ओर भाजपा सरकार के फूके पूतले। 26 मई को किसान आंदोलन को 6 महीने पुरे हो चुके हैं। और सरकार के 7 वर्ष पूरे होने को हैं इसलिए पुरे देश मे मजदूरों व किसानों ने काला दिवस के रूप में मनाया है ।

जिस तरह से बीजेपी सरकार कृषि सुधार बिल के नाम पर किसानों के लिए जो तीन काले कानून लेकर आई है वह किसानों के लिए डेथ वारंट है और मजदूर व कर्मचारियों के अधिकार के लिए जो 44 श्रम कानून बनाए गए हैं।

उनको भी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए है। संशोधन के नाम पर सरकार जो 4 कोड़ कानून लेकर आई है जिसमें किसी को भी ट्रेड यूनियन बनाने का कोई अधिकार नहीं होगा किसी को आंदोलन करने का कोई अधिकार नहीं होगा किसी को अपनी बात रखने का अधिकार नहीं होगा क्या यह लोकतंत्र है सहन करने योग्य है।

kisan
Kala Divas

यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है यह तानाशाही नहीं है। आज पूंजीवादी व्यवस्था अपने संकट को बड़ी बेशर्मी से मेहनतकस जनता पर डालने की कोशिश कर रही है पूरी दुनिया की मेहनतकस जनता आज दोहरी मार झेल रही है।

एक तरफ तथाकथित विकसित पूंजीवादी देशों ने लाखों की संख्या मैं बेस कीमती जाने गवाई हैं दूसरी तरफ इसी मेहनतकस जनता पर भारी आर्थिक बोझ डाला जा रहा है पारंम्परिक तौर पर आज मजदूर व किसानों ने 26 मई को हर एक गांव में सरकार के पुतले फूंके और काले झंडे अपने घरो पर लगाए।

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सुभाष पांचाल ने कहा की मजदूर जो मुनाफा उत्पन्न करते हैं और किसान जो कि उत्पादक वर्ग है यह दोनों ही वर्तमान मैं मौजूदा शासन के हमले के अधीन हैं सरकार ने लगभग एक ही समय में सर शर्म संहिता और तीन कृषि कानूनों को लाने का काम किया है।

दूसरी ओर कोरोनावायरस के आभार और एक असम सरकार जो आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा पाने में नाकाम है। स्थिति वास्तव में चिंताजनक है और मौतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिल रही है।

महामारी से निपटने के लिए सरकार की लचर नीति के चलते रोकी जा सकने वाली मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है। जब तक लोक डाउन चले तमाम तरह के मजदूर और गरीब आदमियों के खाते में ₹7500 महीना डाले जाएं जिससे मजदूर गरीब आदमी अपनी गुजर-बसर कर सके सभी मजदूरों को कोरोना पीड़ित होने पर मुफ्त इलाज का प्रबंध किया जाए प्रदेश के सभी पंजीकृत व गैर पंजीकृत निर्माण मजदूरों को लोक डाउन के दौर में 75 सो रुपए मासिक मदद दी जाए।

गांव स्तर पर सभी निर्माण मजदूरों को मनरेगा के काम उपलब्ध करवाए जाएं मजदूर मोहल्लों में कोरोना की जांच वैक्सीन व जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन तथा सभी जरूरी दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए जो प्रवासी मजदूर घर जाना चाहते हैं। उन्हें घर पहुंचाने का प्रबंध किया जाए इस मौके पर कर्मचारी नेता ईश्वर ठाकुर, आंगनबाड़ी वर्कर , दीनदयाल, सुल्तान जांगड़ा, कॉमेडी सूरजभान,गुलाब सिंह, और काफी संख्या में किसान साथी मौजूद रहे।

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संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर आज किसानों ने काला दिवस मनाया

फतेहाबाद: संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर आज किसानों ने काला दिवस मनाया। शहर और गावों में किसानों ने अपनी छतों पर काले झंडे लगाकर रोष व्यक्त किया गया। फतेहाबाद में लाल बत्ती चौक पर जुटे किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने हाथों में काले झंडे लिए हुए थे और केंद्र सरकार के खिलफ नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया गया।

किसानों ने लालबत्ती चौक पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी का पुतला भी फूंका। किसान नेताओं का कहना था कि 26 मई 2014 को पहली बार मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब से लेकर आजतक किसान, मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीतियां बनाकर तांग किया जा रहा है।

किसानों नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 6 महीनों से किसान संघर्षरत है, मगर केंद्र सरकार टस से मस नही हो रही। सरकार की हठधर्मिता के चलते आज काला दिवस मनाया जा रहा है। किसानों संगठनों ने आज पीएम मोदी का पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया गया।

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फतेहाबाद :- संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर आज किसानों ने काला दिवस मनाया।

फतेहाबाद :- शहर और गावों में किसानों ने अपनी छतों पर काले झंडे लगाकर रोष व्यक्त किया गया। फतेहाबाद में लाल बत्ती चौक पर जुटे किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने हाथों में काले झंडे लिए हुए थे और केंद्र सरकार के खिलफ नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया गया। किसानों ने लालबत्ती चौक पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी का पुतला भी फूंका।

किसान नेताओं का कहना था कि 26 मई 2014 को पहली बार मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब से लेकर आजतक किसान, मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीतियां बनाकर तांग किया जा रहा है।

किसानों नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 6 महीनों से किसान संघर्षरत है, मगर केंद्र सरकार टस से मस नही हो रही। सरकार की हठधर्मिता के चलते आज काला दिवस मनाया जा रहा है। किसानों संगठनों ने आज पीएम मोदी का पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया गया

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