जीन्द विकास संगठन ने प्रशासन से की मांग
आक्सीजन के लिए शुरू किए गए आनलाईन सिस्टम को खत्म किया जाए
पुराना सिस्टम बहाल
किया जाए
ताकि मरीजों को बिना किसी बर्डन के आक्सीजन आसानी से मिल सके
जीन्द: विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने जीन्द प्रशासन से मांग की है कि आक्सीजन के लिए जो आनलाईन सिस्टम शुरू किया हुआ है उसे तुरंत प्रभाव से खत्म करके पुराना सिस्टम शुरू किया जाए ताकि मरीजों को बिना किसी बर्डन के आक्सीजन आसानी से मिल सके।
गोयल का कहना है कि जब आक्सीजन की मारामारी शुरू हुई थी तब प्रशासन ने आक्सीजन के लिए आनलाईन सिस्टम शुरू किया था जिसके तहत मरीजों के परिजनों को संबंधित लिंक खोलकर अप्लाई करना होता है साथ ही उसे आक्सीजन लेवल की फोटो भी साथ में अटैच करनी होती है।

अप्लाई करने से पहले यह भी जरूरी है कि उसके पास आक्सीजन का खाली सिलेण्डर हो। अप्लाई करने के बाद प्रशासन या संस्थाए यह देखती हैं कि वास्तव में उसे आक्सीजन की जरूरत है या नहीं। कईं बार नेता लोगों तक का हस्तक्षेप भी कराना पड़ता है तब जाकर मरीज को सिलेण्डर उपलब्ध होता है।
अब दो दिन से जीन्द प्रशासन यह दावे कर रहा है कि मरीजों के ईलाज के लिए जिले में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है, मांग भी लगातार घट रही हैं तथा आक्सीजन का कोटा भी बढ़कर 5 मीट्रिक टन हो गया है। गोयल का कहना है कि अगर प्रशासन के इन दावों में सच्चाई है और जीन्द प्रशासन के पास आक्सीजन का इतना खजाना है तो फिर प्रशासन ने आक्सीजन के लिए बर्डन वाला यह आनलाईन सिस्टम क्यों बरकरार रखा हुआ है।
गोयल की प्रशासन से मांग है कि आक्सीजन के भंडार को देखते हुए लोगों के बर्डन को कम करने के लिए इस सिस्टम को तुरंत बंद किया जाना चाहिए और पुरानी पद्वति पर ही सिलेण्डर देने शुरू किए जाने चाहिए। पुराना सिस्टम यह था कि आक्सीजन की दुकान पर फोन करो, दुकानदार भरा सिलेण्डर भेज देता था। जब दो चार दिन में सिलेण्डर खाली होता था तो दुकानदार सिलेण्डर को वापिस मंगवा लेता था।