
Viral Report :- हरियाणा के लुखी गाँव ने देश के लिए एक मिसाल की लिख दिया है। लुखी गाँव के हर तीसरे घर में एक महिला सरकारी टीचर है। और आश्चर्य की बात तो यह है कि गाँव में आपको एक भी किसी देवी-देवता का मंदिर या कोई कोई भी फोटो नहीं मिलेगा।
इस गाँव की आबादी कुल 4000 के करीब है। जहाँ पर 400 से ज्यादा बेटियाँ हैं इनमे से 325 से भी ज्यादा महिला सरकारी अध्यापक है। इस लुखी गाँव के लोग पढ़ाई को ही भगवान मानते है। इसीलिए शायद इस गाँव में एक भी किसी देवी-देवता का मंदिर या फोटो नहीं है।
हालांकि पहले इस गाँव के हालत ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे। पहले इस गाँव में लड़कियों को शिक्षा देना बहुत ही शक्त था। अगर कोई अपनी लड़की को पढ़ने के लिए भेजता था तो उसे गाँव के लोगों के सामने माफी मांगना पड़ता था। लेकिन सोहनलाल यादव ने पहली बार यहाँ पर पढ़ने के लिए लोगों को समझाया। यह बात 1966 की है जब हरियाणा राज्य बना था।
सोहनलाल यादव के समझने के बावजूद कोई उनके यहाँ पढ़ने नही आता था। उन्होंने अपने घर के ही लड़कियों को पढ़ना शुतु कर दिया। और यह सिलसिला चार साल तक चला। उसके बाद गाँव के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हो गए।
1966 के बाद हरियाणा में जब भी सरकारी शिक्षक की भर्ती निकलती है तो इस गाँव से हर साल 2-3 महिलायें सरकारी शिक्षक बनती है। 31 मई 1982 को सोहनलाल यादव की मृत्यु हो गई। इस गाँव के लोग अभी भी सोहनलाल पंडित जी के सपने को लोग अभी भी फॉलो करते है। वे इस गाँव में सोहनलाल पंडित के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
इस गाँव में लड़के और लड़कियां को बराबर का दर्जा दिया जाता है। और इस गाँव की एक अच्छी बात है कि इस गाँव में जितने भी लोग रहते है वे अपने नाम के आगे सरनेम और जाति कभी भी नहीं लिखते है। भारत के हर शहर, कस्बा, गाँव को इस लुखी गाँव से शबक सीखना चाहिए और प्रेणना लेना चाहिए।