
स्वतंत्रता के दिन अरुणांचल प्रदेश में आर्मी सेना के साथ माओवादियों का मुठभेड़ हुआ था। उस मुठभेड़ में हरियाणा के एक लाल वेद प्रकाश शाहिद हो गए।
हवलदार वेद प्रकाश के पैतृत्व गाँव में पूरे सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उस समय पूरा गाँव में मातम छा गया था।
सैन्य के “जब तक सूरज चाँद रहेगा, वेद प्रकाश तेरा नाम रहेगा” के नारे से पूरा गाँव गूंज उठा। पुलिस की टुकड़ियों ने मातमी धुन में हवाई फ़ाइरिंग करके शाहिद की विदाई दी गई।
वेद प्रकाश मोदी गाँव के रहने वाले थे। उनकी उम्र 40 वर्ष की थी। उन्होंने करीब 22 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वे असम राज्य के राइफल रेजीमेंट में भर्ती हुए थे।
वर्तमान में उनकी ड्यूटी अरुणांचल प्रदेश में लगी थी। उन्ही तैनाती स्वतंत्रता दिन तैनाती लगी हुई थी। ध्वजारोहण के समय माओवादियों ने पेट्रोलिंग टीम पर फ़ाइरिंग शुरू कर दी। इसी फ़ाइरिंग के दौरान वेद प्रकाश के गले पर एक गोली लगने की वजह से वह शाहिद हो गए।
उनके दोनों बेटों ने शव को अग्नि दी।