• March 30, 2023
Delhi DMRC
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Delhi DMRC: दिल्‍ली मेट्रो के रेड लाइन पर किए जा रहे स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविजन का ट्रायल अब पूरा हो गया है।  इस तकनीक की मदद से रिठाला से अक्‍टूबर माह से गाजियाबाद न्यू बस अड्डा के बीच आई-एटीएस तकनीक की मदद से मेट्रो दौड़ने लगेगी। अब राजधानी दिल्ली में मेट्रो के रेड लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों को एक खास तोहफा मिलने वाला है। इस कॉरिडोर पर चलने वाली मेट्रो जल्‍द ही ऑटोमैटिक दौड़ाना शुरू कर देंगी।

दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा इस लाइन पर किया जा रहा स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविजन (आई-एटीएस) सिग्नल प्रणाली का ट्रायल पूरा हो गया है।

 डीएमआरसी व भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मिलकर इस तकनीक को तैयार किया है। डीएमआरसी अधिकारियों के अनुसार ट्रायल पूरा होने के बाद. अब इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

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रिठाला से गाजियाबाद न्यू बस अड्डा के बीच आई-एटीएस तकनीक की मदद से अक्टूबर माह से मेट्रो दौड़ने लगेगी। अब डीएमआरसी व बीईएल मिलकर इस तकनीक को हासिल करने के बाद संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) सिस्टम तैयार करने में जुटा है।

यह है सीबीटीसी सिग्नल सिस्टम – Delhi DMRC

सीबीटीसी सिग्नल सिस्टम से डीएमआरसी अधिकारियों के अनुसार मेट्रो पूरी तरह से ऑटोमैटिक हो जाएगी। इसके बाद मेट्रो को चलाने के लिए चालक की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि अगले पांच सालों में सभी कॉरिडोर पर मेट्रो रफ्तार भरने लगेंगी।

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अब सिग्नल प्रणाली के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भरता धीरे धीरे कम हो जाएगी। बता दें कि, मौजूदा समय में मेट्रो परिचालन के लिए अभी यूरोप व जापान की सिग्नल प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दिल्ली मेट्रो के रेड लाइन समेत सात पुराने कॉरिडोर पर आटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन (एटीएस) सिग्नल प्रणाली का प्रयोग किया गया है।

अभी यहां पर हो रहा उपयोग – Delhi DMRC
मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो के मजेंटा व पिंक लाइन पर सीबीटीसी सिग्नल प्रणाली की मदद से चालक रहित मेट्रो का परिचालन किया जा रहा है।

  • यह तकनीक डीएमआरसी ने जापान से ली है। इसका कांट्रैक्‍ट पांच साल का है, जिसके पूरा होने पर इस लाइन पर भी स्वदेशी सिग्नल से चालक रहित मेट्रो रफ्तार भरेगी।
  • इस तकनी‍क का दिल्‍ली में लागू होने के बाद आने वाले समय में देश के सभी शहरों के मेट्रो नेटवर्क पर इसका इस्तेमाल हो सकेगा।
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newshutrewari@gmail.com

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