
रक्षा बंधन के पूर्व शाम (शनिवार की शाम) को एक 27 वर्षीय भाई ने अपनी 31 वर्षीय बहन को अपना एक गुर्दा दिया। अपना गुर्दा देकर वह अपनी बहन को एक नई जिंदगी दी है। यह सब हरियाणा के रोहतक जिले के एक अस्पताल में हुआ। आकाश हेल्थ केयर के डॉक्टर ने बताया कि वह महिला रोहतक की ही रहने वाली है। वह करीब पिछले 5 सालों से गुर्दे के बीमारी से परेशान है। और वह लंबे समय से अपनी गुर्दे का इलाज करवा रही थी।
उसके गुर्दे काफी इन्फेक्ट हो गया था। इसलिए वह महिला डियलिसिस से जुड़ी बीमारी की शिकार हो गई थी। वह दिन पर दिन कमजोर होते जा रही थी। उसके फेफड़ों में भी द्रव्य जमा हो गया था। जिसकी वजह से उसकी प्रतिरोधक क्षमता और दिल कमजोर हो गया था।
डॉक्टरों ने उस पीढ़ित महिला के परिजनों से गुर्दा प्रतिरोपण की बात कही। डॉक्टरों ने बताया कि उस महिला के परिजनों मे से कई लोग गुर्दा देने को तैयार हुए लेकिन उस महिला ब्लड ग्रुप परिवार वालों के सभी लोगों से मिल नहीं पाया। बाद में जांच के बाद उस महिला का ब्लड ग्रुप उसके 28 वर्षीय भाई से मैच। उस महिला के भाई ने अपना गुर्दा तुरंत देने को तैयार हो गया।
डॉक्टरों के करीब पाँच घंटे के कड़ी मससक्त के बाद ऑपरेशन पूरा हुआ। और उस महिला से स्थिति में भी सुधार आना शुरू हो गया। उस महिला ने भाई ने कहा कि मेरी बहन की पीड़ा मेरे बर्दास्त से बाहर थी इसलिए मै सहन नहीं कर पाया और अपनी बहन को अपना गुर्दा दे दिया।
डॉक्टरों ने कहा कि अब वह महिला पूरी तरह से सुरक्षित है और वह महिला माँ भी बन सकती है। सच में ऐसा भाई और बहन का प्यार बहुत ही कम देखने को मिलता है।