भिवानी : यह खबर हरियाणा के भिवानी के गोविंदपुरा नामक गाँव की है। जहाँ पर 300 के बाद एक परंपरा को तोड़कर एक दलित परिवार का दूल्हा घोड़ी पर चड़ा। यह सब उस गाँव के सरपंच की वजह से हुआ है। गाँव के सरपंच यह सब करके यह सिद्ध कर दिया कि अभी इस कलयुग की दुनिया में भाईचारा जिंदा है। उन्होंने यह सब करके भाई चारे की एक मिसाल दी है।

300 साल के बाद परंपरा को तोड़कर दलित चड़ा घोड़ी पर
हर कोई चाहता कि वह अपनी दुल्हन को घोड़ी पर चड़कर लेने जाए। लेकिन इस भिवानी के गोविंदपुरा नामक गाँव 300 वर्ष पहले से बसा है। इस गाँव में दो समुदाय पाए जाते है। एक राजपूत समुदाय और दूसरा हेड़ी (दलित) समुदाय।
इस गोविन्दपुरा गाँव में दलित समुदाय के लोगों को घोड़ी पर चड़ने के लिए प्रतिबंध लगा हुआ था। इस गाँव में पिछले 300 वर्षों से किसी भी दलित घर का कोई भी दूल्हा घोड़ी पर चड़ा हुआ नहीं था।
लेकिन 2021 में इस परंपरा को तोड़कर दलित परिवार का दूल्हा पहली बार घोड़ी पर चड़ा। इस गाँव के सरपंच पति बिरसिंह ने इस 300 साल से चली आ रही प्रथा को तोड़कर एक भाई चारे का संदेश दिया है।
गाँव के लोगों ने इस पल को इतिहासिक बताया। और मिलकर खूब इन्जॉय किया।