Bone Death: ब्लैक फंगस के बाद मंडराया ‘बोन डेथ’(अवस्कुलर नैक्रोसिस) का खतरा ओर जानें-इसके बारे में सब कुछ
नई दिल्ली। करोना महामारी की दूसरी लहर का कहर अभी पूरी तरह से गया भी नहीं है और इसी बीच कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस और कप्पा वैरीअंट ने दस्तक देकर और भी चिंता बढ़ा दी है. इनसे पहले ब्लैक फंगस, येलो फंगस और व्हाइट फंगस ने भी कोहराम मचाया था. साथ ही साथ कई और लक्षण भी कोरोना पीड़ितों में दिखाई दे रहे थे. इन लक्षणों में से 1 लक्षण बौन डेथ भी है. खबरों की माना जाए तो कोरोना संक्रमितो में ब्लैक फंगस के बाद बोन डेथ के लक्षण देखे गए हैं.इस विषय पर कई रिसर्च भी हो चुकी है.
आइए बोन डेथ के बारे में जानते हैं
क्या है बोन डेथ
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना से रिकवर मरीजों के शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से नहीं हो पाता है इस वजह से शरीर की हड्डियां गल जाती है. इस स्थिति को अवस्कुलर नैक्रोसिस कहा जाता है. बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कहे तो बोन डेथ की समस्या शरीर में रक्त संचरण सही से ना होने के कारण होती है. मुंबई में बोन डेथ के मामले दर्ज किए गए है और आने वाले दिनों में इसके बढ़ने की भी आशंका बताई जा रही है.
बौन डेथ के कारण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बांडेड भी ब्लैक फंगस के तरह ही लंबे समय से वेंटिलेटर पर रहने, स्ट्रायड के अधिक इस्तेमाल से हो रही है. वही डायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरा है. इसीलिए यह आशंका जताई जा रही है कि डायबिटीज के मरीजों को बौन डेथ से भी खतरा अधिक हो सकता है.
बोन डेथ के लक्षण
इस स्थिति में संक्रमित व्यक्ति को चलने में दिक्कत होती है जांघ और कूल्हे की हड्डी में बहुत दर्द होता है. जोड़ों में दर्द और शरीर के सभी प्रमुख जगहों पर दर्द बोन डेथ के लक्षण है. अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर से सलाह ले किसी भी प्रकार की लापरवाही सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है