बैंकों में है 18हज़ार 381 करोड रुपए
निवेशक अपने पैसे बैंकों में जमा करवा कर भूल गए हैं क्योंकि उन्हें लेने वाला अब कोई नहीं है. हनुमान लगाए हैं कि बहुत सारे पैसे बैंक अकाउंट और अन्य इंश्योरेंस कंपनी खातों में ऐसे ही पड़े हैं जिन्हे लेने वाला कोई नहीं है उन निवेशकों को प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है.
एक अंशिक अनुमान के मुताबिक निवेशकों के लगभग 82,025 करोड़ रुपए बैंकों इंश्योरेंस कंपनी और प्रोविडेंट फंड के खातों में ऐसे ही पड़े हैं. इन्हीं में म्यूचुअल फंड में जो निवेश होता है वह भी शामिल है जिसके बारे में किसी को पता ही नहीं और कई साल से डिविडेंड्स को भी नहीं भूनाया गया है. इस राशि पर 6 प्रतिशत ब्याज की दर से अगर हिसाब लगाया जाए तो निवेशकों को हर वर्ष 4900 करोड रुपए और हर दिन करीब 14 करोड का नुकसान हो रहा है.
करोड़ों रुपए की क्लेम नहीं की गई राशि भी जमा है
RBI यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिए गए आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2019 तक बैंक खातों में18,381 करोड रुपए की अनक्लेमेड राशि जमा थी. जिसमें से अधिकांश राशि 4.74 करोड डॉर्मेंट सेविंग्स बैंक अकाउंट में थी. अगर किसी भी बैंक अकाउंट में साल तक कोई भी लेन देन नहीं होता है तो वह डोरमेट या इनॉपरेटिव हो जाता है. इसके अलावा 4820 करोड रुपए मैच्योर्ड फिक्स और दूसरे डिपॉजिट्स में पड़ी है.
केवल एलआईसी के पास है 7000 करोड़ से अधिक राशि
अनुमान के अनुसार इनमें से 7000 करोड रुपए से अधिक राशि केवल एलआईसी के पास है. अगर कोई भी 10 साल तक इस पर दावा नहीं करता तो वह फंड सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड में चला जाता है. अच्छी बात तो यह है कि बीमा नियामक इरडा ने सभी बीमा कंपनियों के लिए कुछ नियम बनाई है तथा बीमा कंपनी को उन्हीं के अनुसार कार्य करना होता है.