अगर मै आपसे पूछूँ कि क्या आप भूत, प्रेत और आत्माओं पर विश्वास करते है तो आपका उत्तर क्या होगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें। कुछ लोग भूत और प्रेत में पर विश्वास करते तो वहीं कुछ लोग इस सब बातों को झुठ मानते है।
भारत की संस्कृत और लोक पुराण के अनुसार जो लोग मर जाते है तो उनकी आत्मा को बहुत कहते है। आज के इस आर्टिकल में मै आपको बटाऊँगा कि क्या भूत और प्रेत होते है? और इस दुनिया की 10 सबसे डरावनी जगहों के नाम को बताऊँगा। जहां पर लोग जाने से डरते है। वे जगह इतनी डरावनी है कि वहाँ जाने से लोगों की रूह तक कांप जाती है।

क्या भूत होते है?
इसके बारें में हर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है। कुछ लोग भूतों पर विश्वास करते है तो वहीं कुछ लोग इसके झूट और अफवाह मानते है।
लेकिन हमारे पूर्वज के द्वारा दी गई धर्म ग्रंथ और संस्कार के अनुसार इस पृथ्वी का भूतों आ वास है। जी हाँ हमरे धर्म ग्रंथ और पुराणों से यही पता चलता है। कुछ बुरी आत्माएँ होती जो लोगों को हानि पहुँचती है तो वहीं कुछ अच्छी आत्माएँ भी होती है।
और इस युग में भी भूत और प्रेत पर विश्वास करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन कभी-कभी कुछ अजीब घटित घटनाओं से हमे यह लगता है कि सच में पृथ्वी पर भूतों का अस्तित्व है।
10 सबसे डरावनी जगहें, जहां पर लोग जाने से डरते है
1. अमेरिका के लूसीआना शहर की “द मयार्टलेस सेंट फ्रान्सिसविले” को एक भूतिया जगह माना जाता है।
2. सिंगापूर में शैव टेंग कब्रिस्तान में बिशन एमआरटी रेल्वे स्टेशन।
3. रोमानिया में स्तिथ लुलिया हसडेऊ हाउस
4. राजस्थान के अलवर जिले में स्तिथ भानगढ़ का किला।
6. बीचवार्थ का पागलखाना ये जगह औसट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में है।
7. ब्रिटेन का रिनहम हाल जो कि एक भुतहा हाल के नाम से जाना जाता है।
8. मैक्सिको में स्तिथ dolls आइलैंड।
9. फ़्रांस का चटेउ डी चटेउब्रिया महल।
10. जापान के माउंट फूजी में बसे ओकीघारा का जंगल।
चलिए मै आपको तीन सच्ची कहानिया सुनाता हूँ। जो की 100% सच्ची है।
पहली कहानी
यह बात कुछ साल पुरानी है। गुजरात राज्य के जामनगर जिले की बात है। जामनगर के नागरपाड़ा में पमिनाबहन और शांताबहन दो परिवार रहता था। पमिनाबहन भाड़े के मकान में रहते रहते थे। पमिनाबहन की उम्र करीब 80 वर्ष की थी। उनके साथ उनके 2 छोटे बच्चे भी रहते है।
पमिनाबहन के अनुसार उन्होंने बताया कि उनके घरों में हमेशा कुछ अजीब-अजीब घटनाये होते हुए पाया। जैसे कि तरह-तरह की आवाज़ आना, हमेशा चाय की खुशबू आना, कभी कभी तो उनके घर में रखी खाट हवा में उड़ने लगती थी।
जब इस बात को उनके गांव लोगो को बताया तो पता चला कि उनसे पहले उस घर का मालिक रहता है, जिससे उसके रिस्तेदार ने उस घर को हड़प लिया था।इस सड़में में उस मकान के मालिक के परिवार वालों ने जान गवां दी। और उस गाँव के लोगों ने बताया कि घर का मालिक अपने मरने के आखरी व्यक्त इस मकान में ही था। इसलिए उसकी आत्मा इधर-उधर भटकती रहती है।
दूसरी कहानी
यह दूसरी कहानी भी गुजरात राज्य के पोरबंदर शहर की है। पोरबंदर शहर एक सोनल नाम की एक लड़की की सच्ची कहानी है। सबसे पहले मै आपको बता देता हूँ सोनल एक मिडल क्लास फेमिली से बिलॉंग करती है। वह पढ़ने में बहुत तेज है। उसका स्वभाव बहुत ही बढ़िया था। वह घर के कामों में अपने परिवार वालों का हाथ बटाती थी।
एक दिन की बात है जब वह अपने एक सहेली के साथ पोरबंदर के समुद्र के किनारे घूमने गई। वह आम लोगों की ही तरह समुद्र के किनारे बैठकर पानी में पैर डालकर हिलाने लगी। तभी अचानक उसे प्रतीत हुआ कि उसके शरीर के बीचों बीच से कोई पार हुआ है। वह एक लड़की थी वो हु-ब-हु सोनल की ही तरह लग रही थी।
उसके बाद सोनल बुरी तरह से डर गई थी। वह इतना गई थी कि उसे हमेशा वह उसके तरह दिखने वाली लड़की ही अंजर आती थी। कभी-कभी तो इतना डर जाती थी वह बीमार पड़ जाती है।
उसके परिवार वालों ने खुद दवा, तांत्रिक, झाड़फुक करवाया पर काम नहीं किया। फिर बाद में पता चला कि 30-35 साल पहले उसकी तरह एक लड़की दिखती थी। वह लड़की कालेज में पड़ती थी।
कालेज से जुड़े कुछ लोगों ने उसका अपहरण करने रेप किया। और उसके शरीर के दो टुकड़ों किये। एक टुकडे को कालेज के जमीन में दफना दिया था। और दूसरे टुकड़े को उसी समुद्र में फेंक दिया था। जहाँ पर सोनल अपने दोस्त के साथ घूमने गई थी।
तीसरी कहानी
यह घटना शारदा देवी की है जिनका जन्म गुजरात के भनगौर में हुआ था। वह एक जॉइन्ट परिवार में रहती थी। वे कुल पाँच भाई बहन थे। शारदा देवी अपने ससुराल वालों की खुद देव करती थी। उन्हे किसी भी प्रकार का कोई सिकायत का मौका नहीं देती थी।
लेकिन शारदा देवी की सास और नन्द उनके साथ अच्छा ब्योहार नहीं करती थी। वे हमेशा उनके कपड़े और घहने छिन लिया करते थे। उनके पति जीवनलाल बढ़िया पैसे कमाते थे। लेकिन उन्हे जुआ की लत थी। वे शारदा को बचाते नहीं थे बल्कि उलटे ही उसे बूरा भला कहते थे।
वह अपने ससुराल वालों की पीड़ा और सहन न कर सकी। लोगों ने बताया कि वह गर्वअवस्था में ही देसी घी के लड्डू खाकर अपनी जान दे दी। गर्वअवस्था में देसी घी के लड्डू जहर का काम करता है।
मरने के बाद भी उनके सास और नन्द ने उन्हे नहीं छोड़ा। उनके गले से सोने का हार निकाल लिया।
उसके बाद लोगों ने बताया कि शारदा देवी के सास के पास 5 पुत्र होने के बाद भी उन्हे काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। वह 103 वर्ष बाद जाकर मरी। और उनकी नन्द आज भी 80 वर्ष होने के बाद भी अपनी अंतिम साँसे गईं रही है।
दोस्तों इस कहानी मै मैने बिल्कुल ही सच्ची घटना के बारें में बताया हूँ। इस आर्टिकल से मेरा दैविक शक्तियों के बारें में कोई भी गलत राय नहीं थी। इस आर्टिकल को मैंने के केवल शिक्षा के मकसद से लिखा है।