
रोहतक में 27 अगस्त को हुए 4 हत्याकांड ने सबको आश्चर्य कर दिया था। एक लौटे बेटे ने ही अपने घर वालों ने नामों निशान मिटा दिए। आरोपी अभिषेक उर्फ मोनू एक समलैंगिक है। वह अपने जेंडर को बदलवाना चाहता था। उसके पिछले कुछ सालों से अनलाइन सर्जरी की क्लिनिक के बारें में जानकारी इकट्ठा कर रहा था।
अभिषेक अपना सेक्स चेंज करवाना चाहता था
पुलिस के पूछताछ से यह पता चला है कि वह अपने सेक्स को सर्जरी की मदद से बदलवाकर उत्तराखंड के एक दोस्त के साथ विदेश भागना चाहता था। इस बात की भनक उसके घर वालों को लग गई थी। उसकी मम्मी और पापा (प्रदीप) ने उसे इस बात के लिए मारा भी था।
करीब चार साल पहले उसे उत्तराखंड में एक दोस्त मिला था। वह उसी के साथ रीलैशन्शिप में था। अभिषेक उर्फ मोनू ने अपने पापा से दोस्त को पैसे देने के नाम पर 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था। उस पैसों से वह सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी के जरिए अपने जेंडर को परिवर्तन करना चाहता था।
जब यह बात उसके घर वालों को पता चली तो उन्होंने अभिषेक को बहुत समझाने की कोशिश की। अभिषेक की नानी भी उसे समझाने के लिए आई। उसने उनकी भी बात नहीं मानी। इसी बात को लेकर उसके पापा प्रदीप उर्फ बबलू ने उसे एक बार मारा था। जिससे की वह आक्रोश में आ कर चला गया।
25 अगस्त को अभिषेक 2 दिन के लिए होटल में रहने के लिए चला गया। वह 27 अगस्त सुबह 11 बजे अपने घर आया और सबसे पहले अपनी तमन्ना, फिर नानी, अपनी मान संतोष उर्फ बबली और उसके बाद अपने पिता प्रदीप उर्फ बबलू को मौत के घाट उतार दिया। और फिर दुबारा उसी होटल में रहने के लिए चला गया।