The millionaire next door:- किसी ने सही ही कहा है कि किस्मत का खेल बहुत ही निराला होता है। किस्मत जब चाहे, जिसे चाहे उसे राजा के रंक बना सकती है और किसी भी रंक से राजा बना सकती है।
ठीक इसी प्रकार श्याम कुमार के साथ हुआ। एक समय में श्याम कुमार एक पास रहने के लिए बढ़िया घर नहीं थे। 10 फुट के कमरे के 5-6 लोग रहते है। लेकिन आज उनके पास 1 BHK बांग्ला है।
यह सब उनकी मेहनत और किस्मत का कमाल है। आपको बता दूँ कि श्याम कुमार पढे लिखे नहीं है। फिर भी आज वह लखपति है। तो चलिए जानते है कि श्याम कुमार रातों-रात कैसे अमीर बन गए?
1 चपरासी रातों-रात बना लखपति

यह कहानी श्याम कुमार की है। एक समय ऐसा था कि उनके पिता जी तबीयत बहुत खराब हो गई। इनकी आर्थिक स्तिथि बेहद ही खराब हो गई। जिसकी वजह से इन्हे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ गई।
इन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की थी इसलिए जल्दी जॉब नहीं मिल रही थी। इनके छोटे भाई मुंबई के बड़े बैंक अधिकारी के यह ड्राइवरी का काम करते थे।
इसलिए उनसे श्याम कुमार ने अपनी नौकरी के शिफारस करके के लिए बोल। उनके छोटे भाई ने शिफारस किया। और उस वरिष्ठ बैंक अधिकारी के एक दोस्त के यह नौकरी मिली।
उनके दोस्त जितेंद्र गुप्ता सिट्रस के संस्थापक थे। उन्होंने श्याम को अपने यहाँ चपरासी की नौकरी दे दी। जिसकी सैलरी 8000 रुपये थे। यह बात सन 2010 की है।
उस समय इंटर्नशिप का दौर शुरू हुआ था। जितेंद्र के कंपनी मे बहुत ही कम लोग जॉब करते थे। इसलिए उन्होंने अपने सभी कर्मचारियों को शेयर देने की सोची। जितेंद्र ने बताया कि आगे चल कर यह बहुत ही फायदा देने वाला है।
श्याम कुमार ने बहु खुश होकर शेयर को खरीद लिया। ठीक 6 साल बाद सिट्रस को पेयू ने 13 करोड़ डॉलर में खरीद लिया। इसलिए सिट्रस के शेयर का दाम बढ़ गया।
श्याम ने जितना शेयर लिया उसकी कीमत 50 लख रुपये हो गई। इस तरह श्याम कुमार की गरीबी दूर हो गई। वह एक 8000 हजार वाली चपरासी वाली नौकरी से लखपति बन गए।
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