सिरसा न्यूज: हरियाणा के सिरसा जिले में एक दिव्यांग माँ अपने बेटे और बेटियों के सपने पूरा करने के लिए चलाती है ई-रिक्शा। वह दिव्यांग माँ हिसार रोड बस स्टैन्ड के आस-पास लोगों को उनके मंजिल तक लोगों को पहुंचाती है।
लोगों ने उस महिला की मदद भी करनी चाही लेकिन उस महिला ने खुद मना कर दिया और कहा कि मै अपने बच्चों को खुद पालना चाहती है। और कहा कि मै कब तक लोगों से सहायता लूँगी।

उस माँ ने 2017 में एक एक्सीडेंट के दौरान उनकी एक टाँग पैरालाइज हो गई। पैरालाइज होते हुए भी वह महिला अपने बच्चों के एक अच्छे भविष्य के लिए इतना कष्ट उठा रही है।
आखिरकार यह महिला क्यों चलाती है ई-रिक्शा
उस दिव्यांग महिला ने बताया कि उसकी हुए 20 साल हो गए है। उसके ससुराल वाले उसए बहुत परेशान करते थे। उसे हमेशा मारते-पीटते थे। उस महिला के पास दो बेटी और एक बेटा है। वह अपने ससुराल वालों से तंग होकर अपने बच्चों को लेकर अपने मायके आ गई।
उसके उस मुस्किल घड़ी में मायके वालों ने भी साथ नहीं दिया। इसलिए वह सिरसा के फ्रेंड्स कालोनी में रहने के लिए आ गई। फिर उसके पेट पालने और अपने बच्चों के सपने को पूरा करने के लिए ई-रिक्शा को चलाना शुरू किया।
भीख मांगने तो अच्छा है कि मै कमा के खाती हूँ
जब वह दिव्यांग महिला ई-रिक्शा चलती थी तो लोग उसे दूसरे नजर से देखते थे। लोग हमेशा कहते थे कि एक दिव्यांग महिला ई-रिक्शा चला रही है। उस दिव्यांग महिला ने कहा कि मैने लोगों की बातों पर कभी भी ध्यान नहीं दिया।
कई लोग तो हमेशा उस महिला की मदद भी करनी चाही लेकिन उस महिला ने लोगों से मदद लेने के लिए साफ-साफ इनकार कर दिया।
उस महिला कि एक बड़ी बेटी अपनी graduation पूरा कर चुकी है। छोटी बेटी अभी नौवीं कक्षा में है। और उनका एक बेटा भी अपनी पढ़ाई कर रहा है।