करनाल, हरियाणा न्यूज : अपने देश की बेटियाँ किसी से भी काम नहीं है। अभी भी देश में कई ऐसे मूर्ख लोग है जो बेटियों को इतना महत्व नहीं देते है। हमारे इतिहास मे कई बार बेटियाँ कुछ ऐसा कारनामा करके दिखा चुकी है।

जिससे सिद्द हो चुका है कि अगर हमारे बेटियों को भी मौका दिया जाए तो वो भी किसे से कम नहीं है। ऐसा ही करनाल की एक बेटी ने यह सिद्द करके दिखा दिया है। करनाल की 22 वर्षीय बेटी ने अन्तराष्ट्रिय स्थर पर “द डायना अवार्ड” अवार्ड जीत कर इस बात को दोबारा सिद्द कर दिया है कि भारत देश की बेटियाँ किसी से कम नहीं है।
“द डायना अवार्ड” अवर्ड जीतने पर लोगों ने सँजोली को दी बधाइयाँ
संजोली ने शिक्षा, पर्यावरण बचाव, अन्य सामाजिक कार्य जो कि मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयश किये थे। और इसी वजह से उन्हे “द डायना अवार्ड” से पुरस्कृत किया गया।
“द डायना अवार्ड” एक प्रिन्सेस ऑफ वेल्स डायना की स्मृति होती है। यह एक इंटरनेशनल अवॉर्ड है। जो समाजिक कार्य करते है। उन्हे इस अवॉर्ड से पुरस्कृत किया जाता है। इस अवॉर्ड को देने के लिए पैनल्स के 12 सदस्यों के द्वारा विजेता का चयन किया जाता है।
हर साल इस अवॉर्ड को लंदन में दिया जाता है जिसके मैन मेम्बर प्रिन्सेस से दोनों बेटे त्र द ड्यूक आफ कैम्ब्रिज तथा द ड्यूक आफ शसेक्स द्वारा दिया जाता है।
लेकिन कोविद के चलते इस बार इस अवॉर्ड को वर्चुअल आयोजित किया गया था। जिसमे यह अवॉर्ड करनाल के संजोली को मिला है।
संजोली ने अपने 22 वर्ष के इस छोटे उम्र में ही बेटी बचाओ और पृथ्वी पर्यायवरण संरक्षित करने के विषय में एक शॉर्ट फिल्म बनाई थी। और उन्होंने ने 4500 किलोमिटर चलकर हजारों लोगों को जागरूक किया और उस दौरान सैकड़ों पेड़ लगाएँ।
हमे करनाल की इस 22 वर्षीय बेटी संजोली से कुछ सिख लेनी चाहिए।